Sunday, July 19, 2009

तुम पुकार लो

तुम पुकार लो, तुम्हारा इंतज़ार है, तुम पुकार लो
ख्वाब चुन रही है रात बेकरार है
तुम्हारा इंतज़ार है, तुम पुकार लो
(होंठ पे लिए हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम) -२
मुख्तसर सी बात है तुम से प्यार है
तुम्हारा इंतज़ार है, तुम पुकार लो
(दिल बहल तो जाएगा इस ख्याल से
हाल मिल गया तुम्हारा अपने हाल से) -२
रात ये करार की बेकरार है
तुम्हारा इंतज़ार है

खामोशी (हेमंत कुमार)

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राही मतवाले

राही मतवाले ,
तू छेड़ एक बार , मन का सितार
जाने कब चोरी -चोरी आई हैं बहार
छेड़ मन का सितार

(देख देख चकोरी का मन हुआ चंचल
चंदा के मुखडे पे बदली का आँचल) -
कभी छुपे, कभी खिले,
रूप का निखार, खिले रूप का निखार

छेड़ मन का सितार , राही मतवाले ,

कलि-कलि चूम के पवन कहे
खिल जा कलि-कलि चूम के,
खिली कलि भंवरे से कहे के मिल जा
पिया मिला जा,
कलि-कलि चूम के
दिल ने सुनी कही दिल की पुकार -
कही दिल की पुकार

छेड़ मन का सितार ,राही मतवाले ,

(रात बनी दुल्हन भीगी हुई पलकें
भीनी-भीनी कुश्बू से सागर छलके) -
आइसे में नैना से नैना हों चार ज़रा नैना हो चार

छेड़ मन का सितार,राही मतवाले

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