हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे ,Read more...
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाजे बयां और!!
Saturday, September 06, 2008
आ, की मेरी जान को करार नहीं है
ताक़त-ऐ-बेदाद-ऐ-इंतज़ार नहीं है
[ करार = rest, बेदाद = injustice ]
देते हैं जन्नत हयात-ऐ-दहर के बदले
नश्शा बा-अंदाजा-ऐ-खुमार नहीं है
[ हयात = life, दहर = world, बा-अंदाजा = according to, खुमार = intoxication
गिरिया निकाले है तेरी बज्म से मुझ को हाय !
की रुने पे इख्तियार नहीं है
[ गिरिया = weeping , इख्तियार = control
हमसे 'अबस है गुमान-ऐ-रंजिश-ऐ-खातिर
ख़ाक में उश्शाक की घुबार नहीं है
[ 'अबस = indifferent, ख़ाक = ashes/dust, उश्शाक = lovers, घुबार = clouds of dust ]
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